* गठिया रोग
को मूल रूप से मिटाने के
लिए असगन्ध के
पचांग का जूस एक कप
पी लें। इसे
कुछ दिनों तक
रोजाना
पीते रहें। काफी
लाभ
होगा।
* तुलसी के पत्तों को गर्म करें । भाप उठने दें। पीड़ित अंग पर यह भाप पड़ने दें। इसके पश्चात पानी जब सहन करने योग्य गर्म रह जाए तो इससे प्रभावी अंग की सिकाई करें। फिर इसे धोयें। आराम मिलेगा।
* गठिया रोग को कम करने के लिए तुलसी के पत्ते, काली मिर्च, गाय के दूध से बना घी तीनों को मिलाएं। रोगी को खिलाएं। आराम मिलेगा।
* हरी मेथी की सब्जी खाने को दें। यह गठिया में लाभकारी है ।
* मेथी के बीज घी में भूनकर इसको बारीक पीस लें। इसके छोटे लड्डू बनाऐं। दिन में दो बार एक-एक लड्डू खाएं। 11 दिनों में ही काफी लाभ पहुंचेगा ।
* गठिया रोग को शांत करने के लिए लहसुन के तेल की मालिश करें।
* लहसुन की पांच कलियां मामूली कूटकर दूध में गर्म करें । इसकी दो खुराक रोजाना लेने से गठिया रोग का प्रभाव नहीं रहता।
* तुलसी के पत्तों को गर्म करें । भाप उठने दें। पीड़ित अंग पर यह भाप पड़ने दें। इसके पश्चात पानी जब सहन करने योग्य गर्म रह जाए तो इससे प्रभावी अंग की सिकाई करें। फिर इसे धोयें। आराम मिलेगा।
* गठिया रोग को कम करने के लिए तुलसी के पत्ते, काली मिर्च, गाय के दूध से बना घी तीनों को मिलाएं। रोगी को खिलाएं। आराम मिलेगा।
* हरी मेथी की सब्जी खाने को दें। यह गठिया में लाभकारी है ।
* मेथी के बीज घी में भूनकर इसको बारीक पीस लें। इसके छोटे लड्डू बनाऐं। दिन में दो बार एक-एक लड्डू खाएं। 11 दिनों में ही काफी लाभ पहुंचेगा ।
* गठिया रोग को शांत करने के लिए लहसुन के तेल की मालिश करें।
* लहसुन की पांच कलियां मामूली कूटकर दूध में गर्म करें । इसकी दो खुराक रोजाना लेने से गठिया रोग का प्रभाव नहीं रहता।
इन सभी उपचारों में से कुछ उपचार, जो आप कर सकें, करें। अवश्य ही फायदा पहुंचेगा ।